सोमवार, 16 मार्च 2020

कविता : क्रिकेट

" क्रिकेट "

क्रिकेट में हो रहे हक्के -बक्के,
हर गेंदबाज कहते हैं छक्के | 
चाहे हो जसप्रीत या हो हमनप्रीत,
हर बल्लेबाज मरते हैं छक्के | 
फिर भी रहते हैं हक्के बक्के,
अच्छे अच्छे गेंदबाज हो जातें हैं खामोश | 
फिर भी टीम वाले बढ़ाते है जोश,
कभी बल्लेबाज तो कभी गेंदबाज | 
उड़ा देते हैं दर्शक के होश | | 

कवि : अजय कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता अजय के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | अजय को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है | पढ़ाई करने के साथ साथ खेलने में भी रूचि रखते हैं | अजय को नया काम करने में मज़ा आता है |

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