रविवार, 15 मार्च 2020

कविता : उस दिन की बात

" उस दिन की बात "

सोते सोते याद आए उस दिन की बात,
जिस दिन खेल रहे थे सबके साथ | 
भारत में हो रही थी पढ़ाई की बात,
जिस दिन सभी लोग थे एक साथ |
फिर हमें याद आई,
जिस दिन पढ़ रहे थे सबके साथ,
नदियों में नहाते थे पानी के साथ | 
सपने में हमें याद आया किसी ने लगाया  हाथ,
जब हम पढ़ रहे थे अंग्रेजी की किताब  |
सोते सोते याद आए उस दिन की बात,
जिस दिन खेल रहे थे सबके साथ | 

नाम : नवलेश कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता नवलेश के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | नवलेश को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं और कवितायेँ लिखने में बहुत रूचि रखते हैं | हमें उम्मीद है की नवलेश और भी अच्छी कवितायेँ लिखेंगें |


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