गुरुवार, 23 जनवरी 2020

कविता : शब्दकोश

" शब्दकोश "

शब्दकोश के भंडार में,
पड़ी हजारों ज्ञान | 
जिसको पता न हो 
करो तुम अपना परचम बान 
उठाओ शब्दकोश ढूंढों | 
नहीं तो हो जाएगा 
सभी लोग को धोखा | 
उठाओ शब्दकोश पाओ 
सफलता की कुंजी | 
जो सभी के लिए पूँजी | | 

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता विक्रम के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | विक्रम को कुछ नया सिखने में दिलचस्पी रखते हैं | कुछ नया कर दिखने के लिए तत्पर रहते हैं | अपने आप को निखारना चाहते हैं |  

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