सोमवार, 27 जनवरी 2020

कविता : गणतंत्र दिवस

" गणतंत्र दिवस "

इस गणतन्त्र  दिवस की बातें हैं कुछ खास,
जिस पर मुझे अभी भी नहीं हो रहा है विश्वास | 
वो सविंधान जिसका अभी तक छिपा हुआ था राज़,
जिसकी वजह से बंद हो गए थे सारे कामकाज |
देश के खातिर जिन्होंने सब कर दिया न्योंछावर,
जिसके दिलों में थे देश को आज़ाद करवाने के तेवर | 
जब यहाँ पर राज करते थे अंग्रेजी मेयर,
कर दिया था भारत के कई लोगों को बेघर | 
जिन लोगों को लगी थी देश को स्वतंत्र  प्यास,
इस गणंत्र दिवस की बातें हैं कुछ खास | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं और अभी "अपना घर" नामक संस्था में रहकर अपनी शिक्षा पूरी कर रहे हैं | समीर क गीत गाना बहुत अच्छा लगता है | समीर कुछ नया सिखने के लिए तत्पर रहते हैं |  

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