बुधवार, 22 जनवरी 2020

कविता : ठंडी का मौसम है सुहाना

" ठंडी का मौसम है सुहाना "

ठंडी का मौसम है सुहाना,
लोग कहते हैं फिर से आना |
कोहरा आस पास छाया,
यह देख तो सबको भाया |
सर्दी का दिन है सुहाना,
चाय के बिन मुश्किल है दिन बिताना |
  सर्दी फिर से आना,
नहानेसे  हमको  बचाना | 
सर्दी तुम फिर से आना | | 

कवि : कामता कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 
कवि परिचय : यह कविता कामता के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं    बहुत शौक है |  नेवई बनना चाहते हैं | पढ़ाई में बहुत मेहनत करते हैं |  अभूत ही शिष्टाचारी बालक हैं |  

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