मंगलवार, 12 नवंबर 2019

कविता : पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा

" पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा "

दिल्ली में छाई धुंध,
हो रही है कठिनाइयाँ खूब | 
तापमान बढ़ता जा रहा है,
प्रदूषण का प्रकोप मंडरा रहा है | 
जनता हो रही है बेबस,
बच्चो को झेलना पड़ रहा है शोषण | 
अब सुधरा दिल्ली अगर,
तो बच जाएगा यह जगत | 
अब लोगों को करना है हड़ताल,
जब हो गया सब बर्बाद | 
देश हो रहा है बेकार,
न जाने कब सुधरेगा यह संसार | 
जल बचावके लिए लड़ना होगा,
नै पीढ़ी के लिए कुछ करना होगा | 
जगह जगह पेड़ लगाना होगा,
 पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वे हैं | कुलदीप ने इस कविता का शीर्षक " पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा " दिया है क्योंकि हर दिन पर्यावरण ख़राब ही होता जा रहा है लोग इसके लिए जागरूक नहीं है इसीलिए यह कविता उन लोगों के लिए है जिसमें दिल्ली एक उदहारण है | कुलदीप को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है | 

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