रविवार, 28 अप्रैल 2019

कविता : जब लोगों ने किया तंग

" जब लोगों ने किया तंग "

जब लोगों ने किया तंग,
तब सिर्फ तूने दिया संग,
जातिप्रथा का था वो समय,
बस लोगों में थी प्रलय |
सभी थे जातिप्रथा के बस में,
जातिवाद दौड़ रही थी सभी के नश में |
नहीं था कोई अपने बस में,
क्योंकि थे वो सिर्फ अंग्रेजों के बस में |   

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर


कवि परिचय  : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई जो की प्रयागराज के निवासी हैं और अपना घर संस्था में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | समीर को गीत गाना बहुत अच्छा लगता है | समीर एक संगीतकार बनना चाहते हैं | समीर जब भी समय मिलता है वो छोटे बच्चों को गीत सिखाता है |

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