सोमवार, 11 मार्च 2019

कविता : एक तारा था

" एक तारा था "

जीवन में एक तारा था,
वर्षों से वो बहुत पुराना था |
मानों वह बेहद प्यारा था,
दुनियाँ में हंसी - ख़ुशी का तारा था |
वो छूट गया तो टूट गया गया,
कितने प्यारे उसके छूट गए |
टूटे तारे पर क्या शोक मनाता है,
जीवन की हंसी - ख़ुशी तारा समझाता है |
जीवन में एक तारा था,
वर्षों से वो बहुत पुराना था |

                                                                                                           कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह हैं नितीश कुमार जिन्होंने यह कविता लिखी है जो की बिहार के निवासी हैं | नितीश को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है और अभी तक वह बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | नितीश को क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक है | नितीश को टेक्नोलॉजी में बहुत रूचि है और उसके लिए वह बहुत मेहनत करता है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें