बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

कविता : समुन्दर से है सीखा

" समुन्दर से है सीखा "

मैंने पढ़ाने का तरीका,
मैंने समुन्दर से है सीखा |
मैं डूब जाऊँगा समुन्दर में,
हीरे निकाल लाऊंगा |
मुझे पढ़ने लिखने का मन नहीं
यह तो मेरा मन जाने |
इसीलिए तो मेरे माता पिता
ने दिया अच्छी पढ़ने लिखने
का तरीका |
मैं डूब जाऊंगा समुन्दर में,
गहराई नजर आता है |
इसीलिए तो मुझे पढ़ाई नजर आता है | |

कवि परिचय : यह है अजय कुमार की कविता है | अजय बिहार के रहने वाले हैं और अभी कानपुर में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | अजय पड़ने में बहुत होशियार है और हमेशा हशमुख चेहरा रहता है |

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