गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

कविता : ऊँचा नीचा छोड़ दे साथी

" ऊँचा नीचा छोड़ दे साथी "

ऊँचा नीचा छोड़ दे साथी,
तू प्यार कर बस इतना है काफी |
तेरे एक प्यार करने से,
समुन्दर की लहरों से |
तू ला सकता है बदलाव काफी,
हर गरीब को दिला सकता है इंसाफ़ी |
तेरी ही जमीं है ,ये तेरा ही है सितारा,
एक तू ही है इस देश का सहारा |
तू कर प्यार सभी से,
जब पैदा हो तभी से |
चाहे हो वो बंदर चाहे हो हाथी,
ऊँचा निचा छोड़ दे साथी |  
तू प्यार कर बस इतना ही है काफी | |

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर



कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार जिन्होंने यह कविता लिखी है समीर कुमार कवितायेँ बहुत अच्छी लिखते हैं | समीर कुमार प्रयागराज के निवासी है और अपना घर संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे है | समीर गीत भी बहुत अच्छा गा लेते हैं | समीर को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है |

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