शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

कविता : ऐसा दिन है हमारा

" ऐसा दिन है हमारा "

यह ऐसा दिन है हमारा, 
हर साल आता है यह दिन दोबारा | 
कैसे कहें हम उनकी बात, 
सोच में पड़ जाओगे सारी रात | 
इस दिन तीन देश भगतों, 
की चली गई थी जान | 
ज़रा भी अंग्रेजों ने उन लोगों, 
पर किया नहीं दयावान | 
यह ऐसा दिन है हमारा, 
हर साल आता है यह दिन दोबारा  | 

नाम : देवराज कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर


कवि परिचय : यह हैं देवराज जो कि बिहार के रहने वाले हैं | देवराज को डांस करना बेहद पसंद है कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | देवराज पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं और बड़े होकर एक रासायनिक के शिक्षक बनना चाहते हैं | 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें