गुरुवार, 2 अगस्त 2018

कविता : मदारी

" मदारी "

मदारी है, यह मदारी है,
बड़ा ही चालक मदारी है | 
साथ में बंदर भालू लाता,
उसको खूब नचाता है | 
नाच देखकर जनता वश 
में हो जाता है, 
फिर मदारी उनसे पैसा 
और आटा मँगवाता है | 
देखो इस मदारी को, 
संग में जानवर लाया है | 
जानवर को नचाकर पैसा लेता है, 
और जानवरों को कुछ नहीं देता है | 
मदारी है ,यह मदारी है, 
बड़ा ही चालक मदारी है | 

कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th ,अपना घर


कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल कुमार जो  कि छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और अपना घर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | प्रांजुल बड़े होकर एक इंजीनियर बनना चाहते हैं | इनकी कवितायेँ बहुत रोमांचकारी होती है | छोटों बच्चों की मदद करना बहुत अच्छ लगता है 

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