बुधवार, 1 अगस्त 2018

कविता : छुट्टियों के दिन

" छुट्टियों के दिन "

छुट्टी का दिन आया है, 
मस्ती लेकर आया है | 
दिन में करेंगें खूब मस्ती ,
                                                              घूमेंगे अपने गांव की बस्ती | 
स्कूल की छुट्टियाँ अब हो गया, 
मुन्ना राजा कब सो गया | 
गर्मी भी तो जाती है, 
छुट्टी को साथ ले जाती है  | 
तब स्कूल भी खुल जाएंगें,
और हम पढ़ाई में बंध जाएंगें | 

कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th ,  अपना घर 

कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और अपना घर में रहकर कक्षा 9 की पढाई कर रहे हैं | प्रांजुल जब कक्षा 4 में थे तभी से कवितायेँ लिखनी शुरू कर दी थी और आज वह एक अच्छे कविकार  बन गए हैं | प्रांजुल एक इंजीनियर बनना चाहते हैं |                                                                            

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