सोमवार, 23 जुलाई 2018

कविता : बड़ी सोच होनी चाहिए

" बड़ी सोच होनी चाहिए "

छोटे हैं कदम तो क्या, 
एक बड़ी सोच होनी चाहिए | 
शरीर मर भी जाए पर, 
सोच नहीं मरनी चाहिए | 
तेरे सपनों के अरमान, 
छूना है तुझे आसमान | 
कदम रुक भी जाए पर, 
सोच नहीं रुकनी चाहिए | 
अपने सपनें को सजाओ, 
जीत का जशन सदा मनाओ | 
मंजिल ख़त्म हो जाए पर,  
ऐसी सोच नहीं होनी चाहिए | 

कवि : प्रांजुल,  कक्षा : 9th ,  अपना घर 


कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | प्रांजुल अपनी कविताओं के माध्यम से लोगो को प्रेरणा और जागरूक करने की कोशिश करते हैं | प्रांजुल पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं और रिसल्ट भी बहुत अच्छा लाते हैं प्रांजुल बड़े होकर एक इंजीनियर बनना चाहते हैं | 

1 टिप्पणी: