" कोशिश करता हूँ हर रात "
मैं बैठे - बैठे सोच रहा था ,
ठंडी हवा का मज़ा ले रहा था |
सपनों में मैं खेल रहा था,
छक्के - चौके जड़ रहा था |
कितना अच्छा वो सपना था,
जिसको मैंने सोचा था |
बारिश की बूँदों ने मेरे,
सपने को कर दिया समाप्त |
उसी सपने को सोचने की ,
कोशिश करता हूँ हर रात |
कवि : कुलदीप कुमार, कक्षा : 7th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं | कुलदीप एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं | कुलदीप अपनी कविताओं से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं | इनको क्रिकेट खेलना पसंद है |
वाह
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रोफ़ेसर यशपाल की प्रथम पुण्यतिथि : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंसपना ज़रूर पूरा होगा ... बस कर्म करते चलो ...
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा ...