रविवार, 4 फ़रवरी 2018

कविता : फूल

" फूल "

मौसम फूलों पर तो इन दिनों, 
बहार है ही सामेल कचनार जैसी | 
बड़े मेड़ भी फूलों से लद गए हैं,
ये सभी गहने से लद  गए हैं |  
इस प्यारे संसार में लोगों ने, 
अपनी - अपनी किस्मत बनाई | 
ये छोटे से पृथ्वी में लद गए,
खुशबुओं से इसको महका गए |  
खेतो में खिले सरसों अरहर जैसे, 
पीले -पीले रंगों में है जैसे | | 

नाम : राजकुमार , कक्षा : 8th , अपनाघर 


कवि परिचय : यह राज हैं जो की हमीरपुर के रहने वाले हैं कविताये बहुत अच्छी लिखते हैं | पढ़लिखकर एक डॉक्टर बनना चाहते हैं | हमेशा अपने पढ़ाई के प्रति कोशिश करते रहते हैं | 

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