मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

कविता : हिमालय

" हिमालय "

देखो इस हिमालय को,
कुछ हमसे वह कहता है | 
तूफानों से लड़ता वह है,
फिर भी खड़ा रहता वह है | 
इंसानों को वह सिखाता है,
 अपने घमंड नहीं दिखाता है | 
नदियों का पहाड़ उठाता है,
फिर भी कुछ न कहता है | 
अपने इस व्यव्हार से वह,
 हमको भी कुछ सिखाता है | 

नाम : समीर कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर 


कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार जो की इलाहाबाद से कानपूर के अपनाघर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | कविताओं के साथ साथ एक अच्छे संगीतकार हैं | खेल को भी बड़े मन लगाकर खेलते हैं | 

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