बुधवार, 15 नवंबर 2017

कविता : नएपन के ख़ुशी में

 " नएपन के ख़ुशी में "

हमें गुदगुदाओ इस नयापन के ख़ुशी में ,

निकलो उस दुखी दहलीज़ से | 
जिसमें गुदगुदी के लम्हें हो, 
जिओ ख़ुशी के पक्षिओं की तरह,
जिस पक्षी के कुछ गीत हो | 
हमेशा तुम चहचहाना सीखो, 
हर दिन को  खाश बनाना सीखो | 
उन दिनों की यादों को भूल न पाय, 
याद  करो फिर भी याद  दिलाय |  
यूँही नए पल के लम्हें जो बीते, 
गुमसदी के पलों को दरिया में दफना दे |

कवि : राज कुमार , कक्षा : 8th ,अपनाघर 



कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जो की कक्षा 8 के विद्यार्थी हैं | 2013 से यहाँ रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | वैसे तो यह हमीरपुर के निवासी हैं  पढ़ाई में तो अच्छे हैं और कवितायेँ भी अच्छी लिखते हैं | 


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