सोमवार, 15 मई 2017

" जिंदगी " 

जिंदगी मिली है तो क्यों न जिऊँ, 
कल के दिन में आसमान को छुऊँ |  
अच्छा इंसान बनने के लिए जिंदगी को चुनूं , 
आसमान के रास्ते में पैदल ही चलूँ | 
औरों को ये बात बताऊँ,
सारे समाज को सुनाऊँ | 
जिंदगी मिली है तो क्यों न अच्छे से जिऊँ | 

कवि : ओमप्रकाश कुमार , कक्षा : 6th , अपनाघर हॉस्टल 

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