सोमवार, 15 मई 2017

 " राही " 

वो राही अब तू क्या,
पथ अपना खो गया  | 
या फिर तू हार कर,
कही अँधेरे में सो गया |  
वो राही अब तू  क्या,
 पथ अपना खो गया | 
मत छोड़ तू अपना लक्ष्य,
 चलते रहना लगातार तुम बस |  
वो अब सुहाना दिन गया,
वो रही तू क्या पथ अपना खो गया | 

कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर 

कवि परिचय :  बिहार के रहने वाले देवराज | आजकल कविताओं के बादशाह माने जाते है | ये हमेशा कुछ नई सोच  के साथ अपनी कविताओं  को ख़ूबसूरत बनाते है | ये क्रिकेट खेल में भी माहिर है|  ए बी डिविलियर्स इनके बेस्ट खिलाडी है | इनको   डांस करना बेहद पसंद है | उम्मीद है की ये हमेशा नई सोच के साथ अपनी कविता को लिखेगें | 

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