गुरुवार, 11 मई 2017

कविता : सुन्दर संसार हमारा

"सुन्दर संसार हमारा "

सुन्दर सा संसार  हमारा,
जिस पर बसा है दुनियां सारा | 
ढूंढ आये और जग सारा,
पर नहीं मिला  पृथ्वी जैसा  सहारा | 
हो जाती एक तरफ की रात,
जब -जब पृथ्वी घूमती बार -बार | 
पृथ्वी बनी खुली आसमान में,
तारे दिखते हर रात में | 
पृथ्वी दिखती नीला और हरा, 
क्योंकि इस पर है पानी भरा | 

कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर हॉस्टल 


कवि परिचय : यह हैं नितीश कुमार | ये बिहार राज्य के प्रवासी मजदूर का बेटा है | अपनी पढाई पूरी करने के लिए अपना घर हॉस्टल में रहते है | इनको कविता लिखने का बहुत शौक है|  कक्षा 7th के छात्र हैं | नितीश फूटबाल के दीवाने है | लिओन मेसी  के फैन है | नितीश को डांस करना बहुत पसंद है| हमें उम्मीद है कि आपको नितीश  की रचनाएँ पसंद आएँगी 

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