बुधवार, 21 मार्च 2012

कविता : चले गए चन्द्रमा के संग

 चले गए चन्द्रमा के संग 

चम-चम करती  चमक उठी यह चन्द्रमा ,
फैल गए तारे अंबर के आँगन में ......
देखा ना रहा गया पवन से ,
शुरु कर दिया उसने आवागमन .....
इतने में मेघनाथ को आया गुस्सा ,
उससे न सहा गया गुस्सा .....
चमक रहे थे जो तारे ,
चले गए चन्द्रमा के संग .......

लेखक : अशोक कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर   

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