रविवार, 23 जनवरी 2011

कविता : साइकिल

साइकिल

हमारी साइकिल है कितनी अच्छी ।
दूर-दूर तक पहुँचाती है ॥
मेड़ों में चढ़ जाती है ।
गाँव-गाँव पहुँचाती है ॥
इसके ऊपर रखकर सामन ।
चलती जाती है आसान ॥
हमारी साइकिल है कितनी अच्छी ।
दूर-दूर तक पहुँचाती है ॥

लेख़क :जमुना कुमार
कक्षा :5
अपना घर

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