शनिवार, 17 अप्रैल 2010

कविता: राजा ने किया रानी से मजाक

राजा ने किया रानी से मजाक

एक
दिन राजा बोले रानी से ,
आलू लाओ जाकर खेतो से
रानी बोली मै नहीं जाउंगी खेतो में,
चाहे मुझको रखो तुम अपने घर में
सुनकर रानी की ऐसी बानी,
राजा पीने लगे जल्दी से पानी
राजा बोले मैंने तो मजाक किया,
तुमने उसको सच मान लिया
तुम तो हो इस घर की रानी,
समझा करो तुम मेरी बानी
रानी बोली ऐसा मजाक मुझसे करना,
चली जाउंगी मायके तब पछताते रहना।
राजा बोले माफ़ करो चुप हो जाओ रानी,
भूख लगी है लाओ जल्दी दे दो खाना पानी
किसकी कविता किसकी कहानी,
राजा रानी की ख़त्म हुई कहानी

लेखक: आशीष कुमार, अपना घर, कक्षा ७

5 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sundar rachna
    bandhai aap ko is ke liye



    shekhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com

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  2. Ashish,

    aap bahut pyari kavita likhte ho...aise hi likhte rehna.

    mujhe aapki agli kavita ka intejaar rahega.

    aapki,
    Divya didi

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  3. पहली बार यहाँ आया हूँ , अच्छा लगा , बच्चो के लिए समर्पित ये ब्लॉग शानदार है , मै अब कुछ दिन में मै कहानी सुनने लायक हो जाउंगा तब पापा , इस ब्लॉग से की कहानी मुझे सुनायेंगे . आप मेरे ब्लॉग पर आये आपका स्वागत है
    http://madhavrai.blogspot.com/

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  4. हा हा हा हा हा ये राजा रानी की कहानी बहुत सुन्दर लगी.....
    love ya

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