रविवार, 13 अगस्त 2023

कविता :"आज़ादी "

"आज़ादी "
 आज़ादी की राह थी मुश्किल | 
लोग भूल गए जान गई थी जिनकी 
सब अपना -अपना  काम बनाते | 
स्वतंत्र दिवस पर इनके नाम गाते 
कितने भोले है यह इंसान | 
कुछ खो बैठे है अपना ही इमान 
कितना संघर्ष था उनके जीवन में | 
 फिर भी जान दे दी आज़ादी लेने में 
अब लोगो को फर्क नहीं पड़ता इसपर | 
आपस में ही लड़ रहे है दिन भर 
आज़ादी की राह थी मुश्किल | 
लोग भूल गए जान गई थी जिनकी 
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

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