शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

कविता "हौसला है बुलंद "

"हौसला है बुलंद "
जिंदगी अब वीरान सी  गई है 
हर वक्त बस  समय मार हो गई 
जो सपने देखे खुद के अपने 
वो अब बे जान सी हो  गई है 
दिन अब रात भी लगने लगे है 
इस वक्त की मार से आँखों से उड़ने लगे है
हौसला अभी भी बुलंद है उस सपने को लेकर 
बस मुझे पल और समय का इंतजार है 
ये जिंदगी अब वीरान सी हो गई है 
कवि: पंकज कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

 

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