शनिवार, 29 जुलाई 2023

कविता :"बारिश "

"बारिश "
 रिमझिम -रिमझिम बारिश आई | 
गर्मी से अब रहत पाई 
यंहा -वंहा हरियाली आई | 
पेड़ -पौधों में खुशियाली आई 
हम भाइओ की मस्ती छाई |  
सावन की महीना आई 
भाइओ ने प्रेम जगाया | 
सावन का महीना आया 
कवि :गोपाल  कुमार ,कक्षा :6th 
अपना घर 

1 टिप्पणी:

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