बुधवार, 16 फ़रवरी 2022

कविता : "जिन्दगी का सफऱ कहाँ खत्म होगा "

"जिन्दगी का सफऱ कहाँ खत्म होगा "

सागर के बहन में ये जिन्दगी का | 

इस जिन्दगी का कोई ,

तो किनारा होगा | 

मेरी  इस छोटी जिन्दगी में ,

मेरा कोई तो सहारा होगा | 

मैं राह के लक्ष्य के खतीर ,

मुझे उठाने वाला कोई होगा | 

मुझे उस किनारे का ही तो ,

मुझे है इन्तजार है | 

सागर के बहाव में ये जिंदगी का ,

इस जिंदगी का कोई | 

तो किनारा होगा ,

कवि : संजय कुमार , कक्षा : 11TH 

अपना घर 

 

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