शनिवार, 8 जनवरी 2022

कविता : " नया साल "

" नया साल "

ये आखिर नया साल है क्या | 

जो इतने जोश और जुनून से मनांया जाता है ,

त्यौहार मनाने को बहुत सारे है | 

पर उनमे जोश और उत्साह देखेवह जाते ,

आखिर नया साल पर ही क्यों | 

क्योकि इस दिन नई शुरुआत करते है ,

नई सोच होते है | 

नई विचार होते है  ,

और नई हौसला होते है | 

मंजिल को पाने के लिए ,

कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 11th 

अपना घर

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें