सोमवार, 3 जनवरी 2022

कविता : "बिन हौसलो के"

"बिन हौसलो  के"

बिन हौसलो  के बिना | 

जिन्दगी सफल नहीं है ,

कठनाइयों से लड़ना पड़ता | 

बातों को सुनना पड़ता है ,

उम्मीदों को जगाना पड़ता है | 

बिन हौसलो के बिना ,

जिन्दगी सफल नहीं है | 

लोग तुम्हें रोकेंगे उस ओर जाने से ,

पर उम्मीदों को मत खोने देना | 

जिन्दगी में सफल होने के लिए ,

कवि : अमित कुमार , कक्षा :7th 

अपना घर

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