शनिवार, 16 अक्टूबर 2021

कविता : "त्योहारों की शुरुआत "

"त्योहारों की शुरुआत "

हो गई है त्योहारों की शुरुआत | 

जिसमे दीपावली और दशहरा है खाश ,

मेले सब जायेगे बच्चे हो या बूढ़े | 

सब मौज मस्ती करके आयेगे ,

खिलौने होंगे और मिठाई विभिन्न वाइराइटी | 

जिसमे खिलौने की नहीं होगी गांरटी ,

सब लोग इकट्ठे और होंगे भरमार |  

क्यों की त्योहारों का है जो ये भण्डार ,

और भारत का है यह मुख्य त्यौहार | 

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 11th 

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