सोमवार, 2 अगस्त 2021

कविता : "मौसम"

"मौसम"

मौसम का क्या कहना | 

जो हसी खुशी का महौल बना दे ,

सूख रहे पेड़ -पौधे | 

अब तो कुछ बूँद  गिरा दे ,

मौसम का क्या करना | 

जो दूर -दूर तक बादल से घिरा दे ,

लोंगो के चेहरें पर है मुस्कान |

अब तो कुछ बूँद  गिरा दे ,

मौसम का क्या कहना | 

जो चारों तरफ हरा भरा बना दे ,

सूख गए सारे झील तालाब | 

कुछ बूँद से इसे सुन्दर बना दे ,

कवि : रविकिशन  कुमार , कक्षा : 12th

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