गुरुवार, 22 जुलाई 2021

कविता : " कहे पर निर्भर मत हो "

" कहे पर निर्भर मत हो "

कहे पर निर्भर मत हो | 

सुने सुनाए पर निर्भर मत हो ,

पहले खुद करके देखो |

अगर तुम में वो हिम्मत हो ,

तवे विश्वास करना उस पर | 

कोई समझाए तो ,

दूसरों को दोषी ठहरा देना | 

कहे पर निर्भर मत हो ,

कवि : रोहित कुमार , कक्षा : 4th 

अपना घर

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