गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

कविता:- अब खो गया है क्या कोरोना

"अब खो गया है क्या कोरोना"
अब खो गया है क्या कोरोना।
न अब मास्क है और भर गया हर कोना।।
दो गज की दूरी अब कहाँ है होती।
अब दुनियाँ नहीं है रोती।।
अब कोरोना से लोग कहाँ डर रहे हैं।
लोग अब एक दूसरे के घर घूम रहे हैं।।
क्या अब सब कुछ हो गया ठीक। 
बजने लगे हैं अब सरे जगह बीन ।।
अब खो गया है क्या कोरोना।
न अब मास्क है और भर गया हर कोना ।।
कविः- कुलदीप कुमार, कक्षा -9th, अपना घर, कानपुर,
 

कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।  कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं।  कुलदीप एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं।  कुलदीप अपनी कविताओं से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं।  इनको  क्रिकेट खेलना पसंद है
 
 

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