मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

कविता : हर समय रास्ता मोड़ रहा है

" हर समय रास्ता मोड़ रहा है "

हर  समय रास्ता मोड़ रहा है ,

बीते  हुए समय को पीछे छोड़ रहा है | 

समय यही बीत  जाता है पता नहीं चलता ,

जो हर समय को स्तमाल करे | 

 वही  महान कहलातें  हैं   ,

तूफान के आगे वही चटटान है | 

समय के अनुसार चलना सीखो ,

सूरज के साथ ढलना सीखो | 

मौसम की तरह बदलना सीखो ,

समय के अनुसार चलना सीखो | 


कवि  : अजय कुमार  , कक्षा  : 6th  , अपना घर



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