रविवार, 4 अक्टूबर 2020

कविता : हरे रंग की पत्तियाँ

" हरे रंग की पत्तियाँ "

हरे रंग की पत्तियाँ ,

खुछ बता रही हैं | 

मुस्कुराने की वजह अपनी ,

सबको बता रही हैं | 

ये पत्तिया लगती हैं ,

मुस्कुरा रही हैं | 

ढलते हुए मौसम में ,

पंख फैला रही हैं | 

लगती अपनी धुन में ,

सबको गीत सुना रही हैं | 

 सबका मन भला रही हैं ,

 

कवि  : विक्रम कुमार  , कक्षा : 10th , अपना घर 

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