बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

प्रकृति का मनमोहक नजारा


 

"प्रकृति का मनमोहक नजारा"

प्रकृति का मनमोहक नजारा।
मन करता है देखूँ दोबारा।।
इतना सुन्दर लगे इनका इशारा।
सभी की नजरें  अपनी ओर निहारा।।
सुनहरी सुबह से ढलती शाम तक ।
चमकते सूरज से चाँदनी रात  तक।।
एक - एक कण में दिया उजियारा।
मन करता है देखूँ दोबारा।।
पेड़ की टहनियों से आसमां की ऊंचाई तक ।
जमी से लेकर समुंद्र की गहरायी तक।।
छल -छल कल -कल आवाज दोहराया।
मन करता है देखू दोबारा ।।
प्रकृति का मनमोहक नजारा। 
कविः -प्रांजुल कुमार , कक्षा - 11th ,अपना घर ,कानपुर,
 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें