रविवार, 30 अगस्त 2020

कविता : नेचर के साथ रहने में मजा है

"नेचर के साथ रहने में मजा है "

नेचर के साथ रहने में ,

कुछ और तो मजा है | 

वो पेड़ो के नीचे बैढना ,

ख़ुशी के साथ गुजरना | 

वो सब कुछ कितना ,

सुकून सा मिलता है | 

धूप से बेचैन होकर भी ,

पेड़ो की छाँव में खुशी और | 

खुशहाल सा मिलता है ,

नेचर के साथ रहने में | 

कुछ और तो मजा है ,

 कवि :सार्थक कुमार ,कक्षा :10th , अपना घर

 

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