सोमवार, 17 अगस्त 2020

कविता : हौसलों को मत करो चूर- चूर

"हौसलों को  मत करो चूर- चूर "

हौसलों  को मत करो चूर -चूर ,

कई लोगों की दुआ है तुम पर | 

उसे ठुकराने की कोशिश मत करो ,

बड़े आदमी नहीं बने तो क्या हुआ | 

अपने  आत्मविश्वास को जगाए रखो ,

हौसलों को कोई तोड़ नहीं पाएगा यह कहकर  |

बाजुओ में दम  है तो कठनाइयो  से लड़कर दिखायो ,

हौसलों को चूर -चूर मत करो | 

कई लोगो की दुआ है तुम  पर ,

उसे ठुकराने की कोशिश मत  करो | 

कवि : अमित कुमार ,कक्षा - 6th ,अपना घर

 

 

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