" कोरोना "
कोरोना ने दुनियां में डाला डेरा,
जीवन पड़ गया खतरे में तेरा -मेरा |
जगह -जगह इसकी चर्चा,
जिनको हो गया कराया खर्चा |
चौपट हो गया इसके चकर में,
कोई दवा नहीं है टक्कर में |
सभी वैज्ञानिक लगे हुए है,
दवा खोजने के चक्कर में
देश दुनियाँ सब पीछे हैं
कोई नहीं हैं टक्कर में |
कवि : अखिलेश कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता जिसका शीर्षक " कोरोना " लिखी है जो की बिहार के रहने वाले हैं | अखिलेश को कवितायेँ लिखना अच्छा लगता है | अखिलेश एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं | अखिलेश को कहानियाँ पढ़ना अच्छा लगता है |
वाह!! बहुत ख़ूब!!!
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