मंगलवार, 28 जुलाई 2020

कविता : कोरोना

" कोरोना " 

कोरोना ने दुनियां में डाला डेरा,
जीवन पड़ गया खतरे में तेरा -मेरा |
जगह -जगह इसकी चर्चा,
जिनको हो गया कराया खर्चा |
चौपट हो गया इसके चकर में,
 कोई दवा नहीं है टक्कर में |
सभी वैज्ञानिक लगे हुए है,
दवा खोजने के चक्कर में 
देश दुनियाँ सब पीछे हैं 
कोई नहीं हैं टक्कर में | 

कवि : अखिलेश कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता जिसका शीर्षक " कोरोना "  लिखी है जो की बिहार के रहने वाले हैं | अखिलेश को कवितायेँ लिखना  अच्छा लगता है | अखिलेश एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं | अखिलेश को कहानियाँ पढ़ना अच्छा लगता है |

1 टिप्पणी: