गुरुवार, 18 जून 2020

कविता : मेरी प्यारी माँ

" मेरी प्यारी माँ "

माँ दिल बच्चों की तरह रोता है,
तेरे ही आँचल में आकर सोता है |  
मेरी सारी सिसकियाँ बंद हो जाती है,
जब तू मेरी छाती को सहलाती है | 
मुझे छोटे से परवरिश करती है तू,
मेरी हर ख्वाईश को पूरा करती है तू | 
मुझे मारती है तो तेरे हाथ रुक जातें  है,
क्योंकि तू मुझे मन से प्यार करती है | 
मेरे छोटे पाँव को काँटों से बचाती है,
नज़र न लगे तो गालों में काजल लगाती है | 
माँ मैं तेरे कर्ज को कभी नहीं चुका सकता,
इस जहाँ में तेरे जैसा पा नहीं सकता | 
मैं भगवान से माँगूँगा जब दुवा,
मुझे फिर मिले तेरे जैसी ही माँ | 
मेरी प्यारी माँ ,मेरी प्यारी माँ | | 

कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 11th , अपना घर

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