बुधवार, 20 मई 2020

कविता : माँ का प्यार

" माँ का प्यार "

आज ये क्या समय आ गया है,
माँ बेटे से अलग हो गई है | 
बेटा माँ से अलग हो गया है,
कई सालों का प्यार जुदा हो गया है | 
आज उसे घर आने के लिए 
देने पड़ जाते हैं इम्तिहान,
जहाँ प्यार से रहते थे 
खेत और खलियान | 
तो उन्हें गाँव में अकेला छोड़ दिया,
जाता है चौदह दिन के लिए 
फिर भी जी लेते हैं 
अपने हौशला को लिए | 
आज ये क्या समय आ गया है,
माँ बेटे से अलग हो गई है | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं | समीर ने इस कविता जिसका शीर्षक " माँ का प्यार " कोरोना से होने वाले समय के बारे में लिखा है | समीर को कवितायेँ लिखा बहुत अच्छा लगता है |


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