बुधवार, 13 मई 2020

कविता : चूहे की आवाज

" चूहे की आवाज "

खिड़की के पास सो रहा था,
सपनों की दुनियाँ में खो रहा था | 
तभी मुझे एक आवाज़ सुनाई दिया,
देखा तो एक चूहा दिखाई दिया | 
सभी चूहा को माऱ रहा था,
चूहा डर से इधर -उधर भाग  था | 
मैनें पूछा चूहे का हाल,
तभी उसने मुझे कर दिया बेहाल | 
मैनें कहा अब जाओ तुम अपने घर के पास,
दुबारा मत नज़र आना मोहल्ला के आस -पास | | 

कवि : गोविंदा कुमार , कक्षा : 4th ,  अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता जिसका शीर्षक " चूहे की आवाज " , गोविंदा के द्वारा लिखी  गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | गोविंदा को कवितायेँ लिखने में बहुत मज़ा आता है | पढ़ने में बहुत ही होशियार हैं और चेस खेलना बहुत अच्छा लगता है |

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