मंगलवार, 26 नवंबर 2019

कविता : सर्दी

" सर्दी "

आई प्यारी प्यारी सर्दी, 
धरती ने पहन ली वर्दी | 
देखो नाच रही है सर्दी,
सभी ने पहन रखी है वर्दी | 
बर्फ लग रहे है समन्दर,
सब लोग चले गए घर के अंदर | 
 घूम घाम कर होने लगी सर्दी,
आई प्यारी प्यारी सर्दी | 
धरती ने पहन ली वर्दी | 
दोपहर को होती गर्मी, 
शाम को मौसम बेनरमी | 
रत को होतीहै सर्दी,
सुबह हो जाती है जल्दी | 
आई प्यारी प्यारी सर्दी,
धरती ने पहन ली वर्दी | 
देखो नाच रही है सर्दी,
सभी ने पहन रखी है वर्दी | 


कवि : नवलेश कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय :  कविता नवलेश के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | नवलेश ने इस कविता का शीर्षक " सर्दी " दिया है | नवलेश को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और हर हफ्ते एक कविता ज़रूर लिखते है | 

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