सोमवार, 23 सितंबर 2019

कविता : सुहाना मौसम

" सुहाना मौसम "

यह सुहाना सा मौसम,
करता है दिल को रौशन |
ठण्डी हवाओं का झोका,
जो बनाता मन को अनोखा |
खुशबू से भरा आसमां,
जो करते मन को खुशनुमा |
हर पल जब यह बीतता,
कुछ न कुछ उन पलों से सीखता |
यह सुहाना सा मौसम,
करता है दिल को रौशन |

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक कुलिप ने बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं जो की बाहत ही अच्छी हैं | कुलदीप एक नेवी अफसर बनना चाहते हैं | कुलदीप पढ़लिखकर अपने घर वालों की मदद करना चाहता है |

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (25-09-2019) को    "होगा दूर कलंक"  (चर्चा अंक- 3469)     पर भी होगी। --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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