रविवार, 22 सितंबर 2019

कविता : राजभाषा हिंदी

" राजभाषा हिंदी "

हिंदी हमारी राजभाषा कहलाए,
पंजाबी हो या गुजराती |  
सबको हिंदी बोलना सिखलाए,
अपनी भाषा का महत्त्व बताए |
मन कहता है हिंदी बोलूं,
पर समझ में न आए कैसे बोलूं |
बोल - बोलकर सीखूं मैं,
सीख - सीखकर बोलूं मैं |
हिंदी को मैं भूल न पाऊँ,
सभी को मैं यह बात बतलाऊँ |
हिंदी को कोई भूल न जाना,
जीवन में सदैव हिंदी अपना |
हिंदुस्तान की जमीं में रहकर,
हिंदी संस्कृति का मान बढ़ाना |

कवि : महेश कुमार , कक्षा : 5TH , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता महेश के द्वारा लिखी गई है जो की बाँदा के रहने वाले हैं | कक्षा पाँचवीं से ही कवितायेँ लिखने का जूनून पैदा हो गया है | महेश पढ़ाई में बहुत अच्छा है और हमेशा कुछः नया करने की कोशिश में जुटा रहता है | महेश एक बहुत अच्छा लड़का है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें