गुरुवार, 6 जून 2019

कविता : बचपन

" बचपन "

जब मैं छोटा बच्चा था,
बचपन में मैं गोरा था |
बचपन में मैं शैतान था,
मम्मी गलती पर डाटती थी |
फिर भी वही काम करता था,
पापा मेरे लिए रसगुल्ला लाता था |
मिठाई मैं पेट भर के कहते था,
जब मैं छोटा बच्चा था |
बचपन में मैं मोटा था |
जो काम नहीं करना होता,
वह काम मैं करता था |  

नाम :मंगल कुमार , कक्षा : 3rd , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता अपना घर के सबसे नए छात्र मंगल ने लिखी है जो की मध्य प्रदेश निवासी हैं और अपना घर में रहकर कक्षा 3rd में पढ़ते हैं |
मंगल की यह पहली कविता है जिसको अपने ऊपर लिखा है | मंगल चाहते हैं की वह आगे और भी कविता लिखेंगे |

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