शनिवार, 9 मार्च 2019

कविता : बन गया मैं सुपरस्टार

" बन गया मैं सुपरस्टार "

जब मैंने गाया एक गाना सड़ा सा,
क्योंकि उस वक्त मैं लग रहा था मरा सा |
मेरी आवाज़ भी हो गई थी मुझसे खफा,
मेरी किस्मत ने भी दे दिया था मुझे धोखा |
पर मेरी आत्मा ने मुझे दिया हौशला,
पर वक्त ने भी मुझे बहुत ही कोसा |
पर मैंने नहीं मानी हार,
मैं जनता था मेरी मेहनत नहीं जाएगी बेकार |
आखिरकार मेरा सपना हो ही गया साकार,
बदल गया अब मेरा अकार |
क्योंकि बन गया मैं सुपरस्टार |

                                                                                                   कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर


कवि परिचय : यह कविता समीर कुमार द्वारा लिखी गई है | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक वह अब तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके है | यह कविता उसने अपने आप पर लिखी है क्योंकि उसको गीत गाने का बहुत शौक है | समीर एक संगीतकार बनना चाहते है |

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