बुधवार, 2 जनवरी 2019

कविता : दिल की पुकार

" दिल की पुकार "

जब मैं उदास बैठा था उस पार,
तब मुझे याद आई तेरी यार |
तब मैंने सुनी अपने दिल की पुकार,
मुझे भी बनाना है एक अपना संसार |
जिसमें सिर्फ हो प्यार ही प्यार ,
उसमें एक तू भी हो मेरे यार |
जहाँ हम बाँट सके अपना प्यार,
तू है मेरा इस जहाँ का यार |
जब मैं उदास बैठा था उस पार,
तब मुझे याद आई तेरी यार |

नाम : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर


कवि परिचय : यह हैं समीर जिन्होंने यह कविता लिखी है | समीर को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है और लगभग अब तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके होंगें | समीर इसके अलावा गीत गाना , क्रिकेट खेलना बच्चों के साथ हंसी मज़ाक और उनको पढ़ाना बहुत पसंद हैं |

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