बुधवार, 2 जनवरी 2019

कविता : नया साल आएगा

" नया साल आएगा "

शायद गुमशुदा चिड़िया भी जाएगी,
शायद मुरझाए हुए पेड़ भी लहलहाएंगे |
शायद हर चेहरे पर खुशियाँ छाएँगे ,
जब नए उम्मीद के साथ नया साल आएगा |
शायद हर बहन की डोली ख़ुशी से उठेगी,
शायद हर माँ की झोली उम्मीद से भरेगी |
शायद हर घरों में खुशियाँ छाएगी,
जब नए उम्मीद के साथ नया साल आएगा |

कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर





कवि परिचय : यह कविता प्रांजुल के द्वारा नए साल के पर्व पर लिखी है | सभी को आजकल नया साल का बहुत इंतज़ार है सोचते होंगें की २०१९ मंगलहो | प्रांजुल इस कविता के माध्यम से सभी भाई /बहन को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देता है |

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